उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। यह उन राज्यों में गिना जाता है जहां बड़े पैमाने पर खाद्यान्न का उत्पादन किया जाता है। इस समय पूरे राज्य में बाजरा वर्ष चल रहा है। ऐसे में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों को एक बड़ा तोहफा दिया है. राज्य सरकार ने किसान पाठशाला के जरिए राज्य के लगभग एक करोड़ किसानों को बाजरे की खेती में प्रशिक्षित करने का निर्णय लिया है।
17 हजार ग्राम पंचायतों में शुरू होंगी किसान पाठशालाएं
जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य की 17 हजार ग्राम पंचायतों में किसान पाठशालाएं शुरू की जाएंगी। इस दौरान कुल 1 करोड़ किसानों को मोटे अनाज की खेती की जानकारी प्रदान की जाएगी. राज्य सरकार ने इस पर कुल 21 करोड़ रुपए खर्च करने का फैसला किया है।
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मोटे अनाजों के उत्पादन पर फोकस
दरअसल उत्तर प्रदेश राज्य सरकार न्यूनतम खाद्यान्न उत्पादन वाले जिलों पर अधिक फोकस कर रही है और इसी लिए किसान पाठशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इन स्कूलों के जरिए फसल विशेषज्ञ किसानों के बीच जाएंगे। उन्हें बीज से लेकर बुआई, खाद, सिंचाई और फसल को प्राकृतिक आपदा से बचाने के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे।
2018 में शुरू की गई थी किसान पाठशाला
किसान पाठशाला के तहत राज्य के करीब एक करोड़ किसानों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। इससे पहले 2022 में किसान पाठशाला में राज्य के 84 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षण दिया गया था। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार ने किसान पाठशाला अभियान की शुरुआत साल 2018 में की थी। इस अभियान के तहत राज्य के किसानों के बीच विशेषज्ञ पहुंचेंगे और उन्हें खेती में नए प्रयोगों की ट्रेनिंग और जानकारी प्रदान करेंगे।
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