पाकिस्तान के किसान होने का दावा करने वाले रिजवान ने कथित तौर पर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर और कृषि वैज्ञानिक श्रवण कुमार सिंह को फोन किया और मालवीय मनीला सिंचित धान-1 बीज की मांग की, जो श्रवण कुमार सिंह द्वारा विकसित चावल की उन्नत किस्म है।
धान की यह उन्नत किस्म BHU और अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) के सहयोग से विकसित की गई है।
बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान में जेनेटिक्स एंड प्लांट ब्रीडिंग के प्रोफेसर श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के कथित किसान ने व्हाट्सएप पर वॉयस मैसेज भेजकर बीज मांगे थे।
बीएचयू के वैज्ञानिक श्रवण कुमार सिंह ने बीज देने के लिए माना कर दिया और रिजवान को आईआरआरआई से संपर्क करने की सलाह दी।
मालवीय मनीला के शोध में अहम भूमिका निभाने वाले प्रोफेसर श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि पाकिस्तान के किसानों ने कम समय में अधिक उपज देने वाले धान के बीज की मांग की है।
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श्रवण कुमार सिंह ने कहा, ‘6 जून को मुझे सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तान के किसान रिजवान खान का फोन आया। व्यस्तता के कारण कॉल रिसीव नहीं हो सका। बाद में रिजवान ने मालवीय मनीला बीज को एक आवाज संदेश भेजा।’
प्रोफेसर श्रवण कुमार सिंह ने पाकिस्तानी किसान रिजवान को बताया कि चावल की किस्म एमएमएसडी-1 को भारत की पर्यावरण और भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है।
श्रवण कुमार सिंह ने कहा, ‘पाकिस्तान के किसान रिजवान खान के वॉयस मैसेज के बाद मैंने उनसे साफ कहा कि मैं बीज उपलब्ध नहीं करा सकता और उन्हें पाकिस्तान में आईआरआरआई केंद्र से कांटेक्ट करना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि केंद्र उन्हें बीज देगा या नहीं।’
यह पूछे जाने पर कि पाकिस्तानी किसान को आपका नंबर कैसे मिला, प्रोफेसर ने कहा कि उन्हें पता होगा कि उन्हें मेरा नंबर कहां से और कैसे मिला।
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