Mango: ये है आम कि सबसे महँगी किस्म, कीमत जानकर आप भी हो जाएँगे हैरान

Mango: इस समय देश में फलों के राजा आम का सीजन चल रहा है और भारत समेत दुनिया भर में आम की कई तरह की किस्में पाई जाती हैं। भारत की बात करें तो यहाँ विभिन्न राज्यों में आम की विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

आम की विभिन्न किस्मों को बढ़ावा देने और इन किस्मों को शहरी इलाकों तक पहुंचाने के लिए विभिन्न प्रदर्शनियों का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देश-विदेश के आमों की कई तरह की किस्में प्रदर्शित की गई हैं।

इसी कड़ी में 17 से 19 मई तक छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आम की विभिन्न किस्मों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। यह तीन दिवसीय प्रदर्शनी बागवानी विभाग एवं नेचर टूर सोसायटी के संयुक्त तत्वाधान में पंजाब केसरी भवन में आयोजित की गई। प्रदर्शनी में 200 तरह i आम की किस्मे प्रदर्शित की गई। इन किस्मों में दुनिया की सबसे महंगी आम की किस्म भी शामिल थी।

आम की सबसे महँगी किस्म कौन सी है?

रायपुर में आयोजित आम प्रदर्शनी में दुनिया के सबसे महंगे आम की किस्म देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। जापानी प्रजाति के इस आम की कीमत 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलो है।

जापान के मियाज़ाकी आम की खासियत यह है कि एक ही आम के फल में दो तरह के स्वाद पाए जाते हैं।

“मियाज़ाकी आम” ने अपनी अनूठी विविधता और उच्च कीमत से लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया। दुनिया का सबसे महंगा आम, जो जापान की एक किस्म है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 1 लाख 82 हजार रुपये प्रति पीस है।

इसका वजन 639 ग्राम है। इस आम का अधिकतम वजन 900 ग्राम है और कीमत 2 लाख 70 हजार रुपये प्रति किलो है।

‘मियाज़ाकी आम’ की एक और विशेषता यह है कि जब पेड़ सूरज की रोशनी के संपर्क में होता है और जबकि फल छाया में होता है तो फल का स्वाद अलग होता है। इस प्रकार यह इसे एक विशिष्ट दोहरा स्वाद देता है।

इसे भी पढ़ें – Mushroom: किसानों को मशरूम उत्पादन की तकनीक पर दिया गया 3 दिनों का प्रशिक्षण

हाथी झूल है सबसे बड़े आकार का आम

आम प्रदर्शनी में कई प्रजातियों के आम रखे गए थे लेकिन सबसे महंगे आम और सबसे सस्ते आम ने सबसे ज्यादा लोगों का ध्यान अपनी तरफ खींचा।

आम की सबसे बड़ी किस्म हाथी झूल है। हाथी झूल आम दुनिया में आम की सबसे बड़ी किस्म है, जिसका वजन 2 से 5 किलोग्राम तक होता है। हाथी झूल आम का उत्पादन ज्यादातर बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर में किया जाता है।

इसका वजन ज्यादा होने की वजह से यह आम बाजार में देखने को नहीं मिल पाता है और इसके एक किलो की कीमत 150 रुपये तक है। इस आम का इस्तेमाल खाने के साथ-साथ अचार बनाने में भी किया जाता है।

प्रदर्शनी में प्रतियोगिता के लिए आम की कुल 61 किस्मों का पंजीकरण किया गया था। 200 से अधिक किस्मों के आमों की इस प्रदर्शनी में राज्य के 33 जिलों के सरकारी बागवानों और किसानों ने भाग लिया।

प्रतियोगिता में विभिन्न प्रकार की 700 सामान्य प्रदर्शनियाँ देखी गईं तथा 15 प्रकार की सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनियों को प्रथम, 15 को द्वितीय तथा 15 को सांत्वना पुरस्कार दिये गये।

इसे भी पढ़ें – Agriculture News: समस्तीपुर के किसान 10 रुपए के पौधा से कमा रहे लाखो, ऐसे करते हैं खेती

Leave a Comment